Friday, March 21, 2014

Davids and Goliaths

The altruist Davids of this phenomenal world always have to face the philistinical Goliaths and fortitutious Sauls both.

PHILISTINISM :
If plagriasm is an endemic then piracy for sure is a rampant epidemic.
Real havoc though lies in the naive acceptance of it as an intellectually smart virtue :-)

Biblically Truth does win. Well..does it?
If yes...WHEN? and if no...WHY?


Man is bad case....isn't it?

40+ and in endless love...forever


To,
My dear Forty plus men & women,
Forty+ is the age to fortify our forte with a forthright fortitude.
Yeah...this fortress is not built fortituously in a fortnight.
Fortunately, it takes no fortune cookie to open up our fortune.
yeah...neither does it need any fortune teller to hear the forthcoming fortissimo.
All it requires is our forty plus wisdom with love.
Yeah...forsaken we are not.

Man is bad case....isn't it?

Tuesday, March 18, 2014

SMILE PLEASE....


होंठ फैलाये जो हमने खुलकर 
तो हँसी के फव्वारे छूट पड़े आपोआप...,
आँसू चले आये खुशियों के साथ 
बिन बुलाये मेहमानो कि तरह..!!



टुनटुनाहट दिल कि सुनाई देने लगी हमें दिल से...,
कानोकान जब खबर फैलने लगी दूकान-दूकान..!!
नापाक चाशनीयों में डूब कर मज़े लेने लगे हम..., 
ज़िन्दगी उलझ गयी जब जलेबियों कि तरह..!!



तीखी ज़िंदगानी को भानु-भन्नाट जान
हर सनसनी को सनसनाहट मान 
एक झन्नाटेदार थप्पड़ रसीद किया हमने 
ख़ुदी के गाल को उसका गाल मान



लबों को लबों से मिलाने कि मन्नत हमने माँगी 
झनझनाती ठंड में जैसे दिलकश एक रजाई माँगी
लपलपाते इस जोश-ए-जूनून को हमने 
नफरतों में तब्दील करने कि जैसे कोई इजाज़त माँगी

 

यकीन मान, ओ आदम कि हव्वा !
इल्म के जायकेदार सेब से भी ज्यादा मज़ेदार है ये इश्क़ चम्बे दी बूटी
कोई समझता है इसे ऐब तो कोई मानता है इसे दोज़ख़ी त्रुटि 
हम आदमज़ात मगन मगर पीने में कुन फाया कुन का मदहोश पव्वा ;-)



Man is bad case....isn't it?

Monday, March 10, 2014

नमो नमो कि टंकार - NEXT PM

माता रानी कि कसम - माँ कसम 


मैं दिल से चाहता हूँ कि 
नमो नमो कि टंकार गूंजे गली-गली,
ओंकार गूंजे कि आया बलि, आया बलि,  
हुंकार हो नगर-नगर,
जय-जयकार हो डगर-डगर,
लहराये हिंदुत्व का झंडा पुरे पकिस्तान में,
अमेरिका जोर से बोले 'जय माता दी' सारे जहां में,
चिनो-अरब आ बसें सारे जहां से अच्छे हिंदुस्तान में



फेंकने के लिए ही सही,
एक बार के लिए ही सही,
पर मिल ही जाए इस फेंकू को P.M का fake पद 


दो बातें होंगी फिर;
फेंकूचंद अगर नेमीचंद निकला सारे फोकटचंद होंगे डबल फायदे में
और 
साबित कर दिया गर इसने खुद को नामी-गिरामी तारा 
तो ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का वसुधैव कुटुंबकम में होगा ओंकारा 
अपने राम का तो समझो चमक जायेंगे सितारे 

वर्ना तो बचपन से ही हाथ का पंजा बहुत काम आया है हमारे,
चाहे फिर वो झापड़ रसीद करने का कार्यक्रम हो,
घूसाखोरी हो,
कोयले कि दलाली हो,
या हो पंचजनी पाक-साफ़ का इंतज़ाम 

एक ओंकार सतनाम 
वाहेगुरु दा ख़ालसा - वाहेगुरु दी फ़तेह 
जो बोले सो निहाळ - सत् श्री अकाल 

।। जय महांकाल।।  
 

Saturday, March 8, 2014

IShQ ke RISK



मजबूरियाँ ऐंसी कि कुछ भी हमें वो बतला ना सके

खामोशियाँ ऐंसी कि चार वो हमें सुना ना सके 

नज़दीकियाँ ऐंसी कि पास वो हमें बुला ना सके 

दूरियाँ ऐंसी कि सच वो हमें जतला ना सके 

खुद्दारियाँ ऐंसी कि खुद को वो झुठला न सके

तड़पते रहे दिन-रात वो वहाँ, हम यहाँ 

यारियाँ ऐंसी कि भुलाकर भी वो भुला ना सके 

किलकारियाँ ऐंसी कि ज़ख्म नासूर बन ना सके 

हसरतें इतनी कि ख्वाब जुदा हो ना सके

दुशवारियाँ ऐंसी कि रात भर वो सो ना सके 

सिसिकियाँ ऐंसी कि वक़्त-बेवक़्त हम रो ना सके   



Man is bad case....isn't it?

BALANCED LOVE

balanced lovingly

MEN and WOMEN are here to 'compLete' each other. Its the lack of the letter 'L', standing here for 'LOVE' which makes them 'compete' with each other vigorously.

For me, each and every day is a WOMEN'S DAY, for masculine (पौरुषीय) Shivalingam is incomplete or अपूर्ण without the feminine (स्त्रैण) Shaktiswaroopa.The two power grids are not only divine lovers of each-other but also are in so much harmony with each-other that there ain't any other which exists for them, between them or beyond them. It's a state of divine union (योग) wherein and through which this infinite cosmos not only exists but also survives growingly.

divine union


     Man(मन) is bad case....isn't it?

Friday, March 7, 2014

To me, each day is a WOMEN'S DAY



Each day is a WOMEN'S DAY for me:

सुबह-सुबह का पहला ख्याल हो 'तुम'
दिन भर रहता हूँ 'तेरे' ही सोच में ग़ुम
सांझ ले आती हैं यादें तुम्हारी खट्टी-मीठी, नमकीन
रात मगर जाने क्यूँ रहती गुमसुम गुमसुम
अब यही है जीवन
लागि है यही अब धुन
टुन टूना टुन टुन 
ओ माँ, उमा, उमा :-))


व्यक्ति को नहीं बात को पकड़ो 
बातों में निहित भावनाओं को जकड़ो
अब दूर खड़े हो एकटक निहारो इन भावनाओं को 
जाओ, अब तुम आज़ाद हो इस जगत पहेली से...


Man is bad case....isnt it?

Monday, March 3, 2014

Sex (and Love and Death): मौत और मोहब्बत

Shiva - Humble God of Death is united with Shakti - Innocent God of Love
(He is innocent & She is Maa Kaali too)


ये सपना ही तो है जो आकार ले रहा इस मायावी दुनिया के रूप में 
वो मोहब्बत ही तो है जो साकार हो रही है तेरी-मेरी साँसों के रूप में 

फकत नम या सर्द ही नहीं है ये दर्द भरी तनहाई कि रातें
आसमाँ भी बरसाने लगा है अब तो आँसुओं कि सौगातें 

लख-लख शुक्राने तेरे ऎ मेरे हमसफ़र के तेरा तस्सव्वुर है साथ 
अभी-अभी तो रख्खा तूने मेरे सख्त हाथों पे तेरा नरम-मुलायम हाथ 



उफ्फ़……ये बरसातें 
हाय........ ये नागिन सी लम्बी-लम्बी रातें 

मौत और मोहब्बत चलते हैं साथ-साथ 
दोनों कि जैसे juxtaposed साँठ-गाँठ 
ना कोई THE END है इनका, ना इनकी कोई शुरुआत

एकमात्र infinite सिक्का हैं ये जैसे
चित्त भी इनका, पट भी इनका 
और ज़िन्दगी का हर पहलु जैसे इनके बाप का है जैसे  

बस यूँ जान लो मेरी जान के ये दोनों भी ठीक उसी तरह दो नहीं 
जैसे हम-तुम दो जिस्म होकर भी हो सकते दो जान नहीं
जब तक है जान, जब तक है जान, जब तक है जान…



या तो इस मरे हुए जगत में कुछ भी जीवित नहीं 
या फिर इस जीवित जग में कुछ भी मृत नहीं 
ठीक ऐसे ही 
या तो 'सबकुछ' है मेरा या 'मैं' मैं नहीं …

समझौते वे लोग करें ज़िन्दगी के साथ 
मौत जिनके तस्सव्वुरे आलम में 
शामिल नहीं ज़िन्दगी कि तरह.,
हम दीवाने बिस्मिल मरते हैं हर लम्हा जी-जीकर
अपनी दीवानी दीवानगी के साथ 
दे हाथों में हाथ - क़यामत से क़यामत तक      


Man is bad case....isn't it?

Sunday, March 2, 2014

HUMAN GOD ; ये इंसानी खुदा

So what...should we stop praying or kneeling down before it?


कितना बदसूरत है ये इंसानी खुदा 
कितना बेदर्द है ये इंसानी खुदा 
इश्क़ और इश्क़ाँ को सूलियां चढ़ा-चढ़ाकर
खुद को पुजवाना चाहता है ये इंसानी खुदा 

सदियों कि नाकाम कोशिशों के बावज़ूद भी तो 
खुद ही जल-जलकर राख हुआ जाता है ये इंसानी खुदा

जाने कब जानेगा वो दस्तूर मोहब्बत का
के जबके इश्क़ से हर दम ठगा जाता है वो इंसानी खुदा

शायद कभी नहीं ……… 

खुद ही कि खुदाई में क़यामत लाने कि मूढ़ता जो किये जाता है वो इंसानी खुदा 
यकीनन अहंकारवश ही अहंकारी हुआ जाता है वो इंसानी खुदा 

अरे वाह रे खुदा ;-)
Man is bad case....isn't it?