Saturday, September 29, 2012

Oh my Shivani - GODLINESS IS DEAD !!

"Tell all your gods, all your devs, all your devo ke dev to destroy me. I am very upset and very very angry to observe the way they are devilishly creating, running and ruling this world. They are infact ruining their devotees and their lovers."


अरे ओ शिव !! 
तेरे होते हुए 
या
फिर तेरे सोते हुए 
होता आ रहा है 
हुआ है 
और 
हो रहा है 
कई सारी शिवानियों पर आए दिन ये अत्याचार ..??
या तो तू शिव  नहीं 
या 
तेरी इन शिवानियों को आया नहीं 
शिव शिव रटकर 
तुझे प्रसन्न रखने का व्यापार ..??
अब अगर जाग भी रहे हैं 
तेरे ये नागरिक पडोसी धर्म के प्रति 
या अब अगर दे भी रहा है तू 
हत्यारों और दुराचारियों को 
उनके किये की सजा
तो 
कर रहा है तू 
कौनसा एहसान या उपकार ..??
की 
कई सारी शिवानियाँ अब तक छोड़ चुकीं
या 
भुगत रहीं हैं 
तेरा ये निर्दयी, निर्मोही संसार ..
वक़्त पे न्याय नहीं कर सकता अगर तू 
या 
नहीं कर सकता तू मासूमों का बेडा पार 
तो 
क्या हक है तुझे 
हमें वर्तमान में जीने का सबक सीखाने का ..??
कैसा और कहाँ का महादेव है तू ..?/
और 
कब, क्यूँ और कैसे कहूँ में तुझे महाकाल ..??
मार डाल तू 
चाहे तो इस सवाली को 
अभी, यहीं और इसी वक़्त 
पर जान ले तू ये भी 
की 
मृत्यु उपरान्त भी शिवानी बन बन कर 
करता ही रहूँगा में तुझसे 
ये उचित/अनुचित सवाल ..
सोच मत, डर मत 
उठा ले तेरा त्रिशूल 
और 
कर ही डाल 
आज तू मेरा भी संहार ..
की 
बहुत हो चूका तेरा ये भरम 
तेरा ये नाटक 
नहीं चाहिए अब 
तेरा ये
निर्मोही और अस्तित्वहीन संसार ... 

  

Thursday, September 27, 2012

dainik bhaskri news of 27/09/2012

पूजारी कर रहें हीं भक्तों के साथ मक्कारी
और
प्रतिभा पाटिल माई भी
एक बेटे के फेर में शेष बच्चों से कर गई गद्दारी
कहीं मेडोना का मजाक पड़ रहा काफिरों पे भारी
तो खिन रफ़ी-लता के युगल गीतों को
कचहरी में हीना रब्बानी के संग सुनने की
फिरोज बिलावल कर रहें तैय्यारी
ये शौक़ है कुदरतन गुलजारी
अतः खान को किसी ने तो ना समझा तालिबान जरदारी
और इधर
फूलडोल ग्यारस पर भी छाई रही दिखावे की चिंगारी
अरे हुजुर
ये सब तो बस दैनिक भास्करी समाचार हैं
नहीं नहीं
ये नहीं कोई आंकड़े या आचार सरकारी
और
ना ही इस दीवाने वारसी की है कोई लाचारी
की
भेजता रहता है आपको sms या e-मेल
बन के आपके ध्यान का भिकारी
जैसे हो इश्क-ओ-ईमान की लाइलाज हमें बिमारी
दिल से करत है ये बकवास "मनीष बड़ बड़ कारी"

छि छि - DIRTY INDIANS


 छि छि - DIRTY INDIANS


थुकत चलत राम जन
रोवत हिंद मैय्या
गुटका खुद के ही गले उतार
मत डुबो हमरी नैय्या

तम्बाकू पान तू है खाए
पिचकारी उसकी बना-बना कर फिर 
तू जगह जगह है थूकत जाए
धरती माँ तेरा थूक गोद लेत-लेत 
घायल हो गई हिरनिया

अरे रुक जा रे बन्दे
अरे थम जा रे बन्दे
की तेरा थूक चाटत है तेरी ही मैय्या
जय धरती मैय्या !!

Sunday, September 23, 2012

"साब" याने की "साहब"




देख रहें हैं ना आप जनाब
दैनिक भास्करी ये अजाब !!
की भले ही रह चुकें हो आप 
कितने ही बड़े अटल बिहारी, George Fernandes या दिलीप कुमार "साब"
देर-सबेर ही सही 
पर एक दिन तो जरुर 
ढल ही जाता है 
आपके रुतबे का ये आफताब !! 
बटोर लें ताउम्र हम 
भले ही कितने बड़े-छोटे सामाजिक खिताब
एक दिन तो मगर दिल खोल कर पढना ही है 
खुदी, खुदाई और खुदा के रसूल की ये रूहानी किताब
तो फिर आज और अभी ही क्यूँ ना 
उतार लें ये धुल भरी जिल्द, ये नकाब ..??
और ये भी बाखूबी ये जान लें मेरे सरकार 
की 
ज़िक्र ये रोशनी के नूर का
इस गुलाम-ए-वारसी का हो सकता ही नहीं
ये तो है बस सल्ल्लाल्लाहू अलिहे वसल्लम का रकाब

Sunday, September 16, 2012

MAN IS BAD KASE: An open letter to Team India & Team Anna

MAN IS BAD KASE: An open letter to Team India & Team Anna: To, TEAM INDIA & TEAM ANNA NO POLY TRICKS PLEASE... i totally trust on Anna Hajare ji and his team's godly intentions but i also hav...

Man is bad case....isnt it?

An open letter to Team India & Team Anna

To,
TEAM INDIA & TEAM ANNA

NO POLY TRICKS PLEASE...
i totally trust on Anna Hajare ji and his team's godly intentions but i also have a firm belief on the fact that instead of a political party what we Indians truly need is our own individual and spiritual freedom from our own corrupt attitude or behaviour that we shamelessly adopt and indulge into in our day-to-day life.
This CANCER of social corruption that we Indians notoriously suffer with can be treated only when each and every Indian personally not only pleas but also performs religiously by staying away from the social disease or slavery of attaining name, fame, glory and money.
The ego dies a natural death when we honestly love our own spirit or mirror image. First and foremost we need to learn to wholeheartedly listen to the sacred voice of our own inner conscience. This voice, sound, music or brahmnaad of "OM" silently plays within us all the time.
We cannot expect to change the entire corrupt system or nation by changing or targeting just a few politicians. Remember, realize and understand consciously that these politicians too have not come from an alien world. They too have raised to become whatever they have become today by passing through our own selfish systemic society and are nonetheless intrinsic part of our own nation which we proudly call MERA BHAARAT MAHAAN.
These politicians most of the time behave in just as the same way as we Indians behave in our day-to-day life. Only difference is that they get a chance or an opportunity to get corrupt on a much larger level as compared to us tiny little Indians. They get crores of rupees to fulfill their egoistic desires as compared to our off the record earnings or savings of only a few thousand or a few lakh of rupees but that does not make us any less guilty of the crime.
Power corrupts us even more not because power is corrupt. It does so because deep down inside we are individually and intellectually corrupt. I am sure that team Anna is no more different from team India when it comes to our basic nature and if it is not so i would be very glad to eat my own words. I urge team Anna and team India to take up the challenge to prove me wrong as soon as possible so that i feel pride in pleading GUILTY, my Lord !!
To heal blood cancer what we really need is a leader who not only heals himself/herself but also leads the nation to heal each and every individual cell called Indian. We certainly need to improve the count of our white blood corpuscles (WBC) and also red blood corpuscles (RBC).
Amin
Sum Amin
Shivoham Shivoham Shivoham   

Sunday, September 9, 2012

बेचारे कुत्ते (POOR STREET DOGS)

बेचारे कुत्ते

(POOR STREET DOGS)




ममता जी नजरुल इस्लाम के पीछे पड़ी हैं
भाजपाई कांग्रेस और कांग्रेसियों के
मीडियाकर्मी हमारे
तो
क्रिकेटर्स सचिन की सचिनाई के पीछे पड़े हुए हैं
मनमोहन सिंह खुद मम्स(MMS) होते हुए भी
हमारे कंप्यूटर, सोशल साइट्स और SmS के
पीछे पड़ गए हैं
औए मन सदैव से इश के
पीछे ही रहा है


दैनिक भास्करी तो सदा
से
सफलतम कहलाने के होड़ में लगे ही हैं

म.न.से बिहारियों के पीछे पड़ा हुआ है
और सेना बाल ठकुराई के दिनों से ही पाकिस्तानियों के पीछे पड़ा हुआ है

राज उत्तर भारतियों में उद्धव द्वारा हथियाई सीट देख रहा है

फिर हमारे मोदी जी भी मोदेर्ण(modern) दिखाई देने में पीछे क्यूँ रहें

उन्हें भी तो PM बन्ने का चस्का लगा है....!!

 
ठीक भी है मेरे भाई...,
की
 जैसी जिसकी 
दृटी वैसे उसके कर्म
"जाकी रही भावना जैसीप्रभु 
मूरत दिखे वैसी"
पर...
सबकुछ समझ के भी ये ना जान पाया मेरे मनमंदिर का टॉमी(Tommy) के
बेचारे कुत्ते ने क्या बिगाड़ा है
काग्रेसी वक्ता G.K.हरिप्रसाद जी का
वे हमारे कुत्तेपन को कोस रहें हैं
या
दबंग 
भाजपाई नेता कैलाश विजयवर्गीय जी को  
नरेन्द्र मोदी जी को फालो करने से रोक रहें है
या फिर
 
ये भली भांति जानते-बूझते हुए भी

 की
ना तो
हम कोई ब्लॉग फालो करते है
और ना ही 
हमें बुद्धू कहा जा सकता है...

हम तो बस...

मस्त हो हो कर मजा ले रहें हैं monsoon का
या फिर रो रो कर भों भों करते फिरते हैं
रात की तनहाइयों में अपनी लैला को याद कर कर के
आप क्या जानो की 
कैसी होती है ये विरह की अग्नि
इश्क हो जाए जो मजनू को 
तो इश्वर भी लगने लगता है एक चतुर ठगनी...

परेशान होते हैं अगर हम
तो
बस नगर निगम की कुत्ता पकड गैंग से

गैंग्स ऑफ़ वासेपुर से भी जालिम होती है ये गैंग
या फिर
नाराज रहते हैं हम
विचित्र श्वानो के विचित्र मालिकों से
जो
पैदा करते हैं हम में भी नस्लवाद के भेद-भाव या फिर नहीं सुहाते हमें वो बेवफा नागरिक गण जो
हमारी वफादारी का सीला देते हैं दिखा के अपना फन
चलाते नज़र आते हैं हम मासूमों पे गन...
वर्ना तो हमें
ना राजनीति से ना राजनीतिज्ञों 
से
ना अधर्मियों ना धर्मियों से
ना समाज के ठेकेदारों से
ना पद के नशे में चूर अहंकारियों से ना सफलता के पुजारि
यों
से
ना MMS से


न SmS से
ना facebookers ना संक्षिप्त twitters से
क्रिकेटर्स से ना क्रिकेट से 
ना चुनावी किसी ticket से
और
ना ही किसी डकैत 
से 
कभी 
कोई मतलब
या
लेना-देना 
रहा है
ना कभी रहेगा ...
हम तो बस...
कुदरतन लिप्त रहना जानते हैं
अपनी अदाकारीयों में
अपनी वफादारियों में
कुत्ते की पूँछ की तरह 
क्यों जी,
ठीक कहा ना हमने..!!??!!

PLEASE DON'T HURT MY TOMMY ANYMORE (-;


Thursday, September 6, 2012

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी जीने का अनदाज़ ये बेमिसाल है,
खतरों से खेलने का शौक ये बाकमाल है,
मौत हो जब माशूका तो कातिल होता बेहाल है
ठोकर खा कर भी जब ना संभले मुसाफिर
तो बना लेता है वो खुद को बदनसीब
राह के हों पत्थर या हो पत्थर के खुदा
वे तो कुदरतन अपना फ़र्ज़ अदा करते ही हैं
पंडित जी...
जो इस पल ना जी पाया
वो पल पल क्या ख़ाक जी पायेगा..!!
जो खुद का साथ ना दे पाया
वो दूसरों का साथ क्या ख़ाक निभा पायेगा..!!
फिर ये भी की...
किसी के साथ की दिन-रात जरुरत हो जिसे
वो शिव को अपने भीतर क्या ख़ाक महकता पायेगा..!!
जनता जब खुद जिम्मेदारी निभाए 
अनदेखी, भ्रष्ट आचार और मनमानी कर के 
सुबह शाम दैनिक भास्कर की तरह बड़ा और सफल होने के लिए
 तो क्या हक उसे की किसी और को जिम्मेदार ठहरा ईमान के सवाल उठाये..??
बादल जो गरजते हैं बरसते नहीं 
और जो बरसते हैं वो गरजने का ढोंग नहीं करते 
बल्कि सबसे पहले खुद को प्रेम रुपी बिजली से भस्म कर 
बनते हैं धरती माँ के सपूत...
हो जाते हैं वो निर्मल सुभाए
 बजाये बनने के धुल चाटने वाले निर्मल दरबार की तरह बेईमान...
बंद करो ये दैनिक भास्कारी नोटंकी, 
ये बकवास, ये चिकनी-चुपड़ी बातें, ये मुर्ख बनाने वाले सुविचार, 
ये सनसनी पैदा करने वाले समाचार, ये कहा-सुनी,
हो जाओ पहले खुद प्रभु के दास 
फिर उपयोग करना कबीर के नाम का - "कहत कबीर लजाये"
ये देख 
उज्जैनी मनीष बड़कस दीवाने गुलाम वारसी को बहुत ही लाज आए
या मालिक...!! 
बक्श दो इन सफलता के पुजारियों को दो-चार अल्लाह की गाय...
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय